महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और माता का नाम पुतलीबाई था। वे परंपरागत भारतीय परिप्रेक्ष्य में जन्मे थे, लेकिन उनकी शिक्षा के प्रति उनकी दृढ़ स्नेहबंधन के बावजूद वे पश्चिमी शिक्षा के प्रति भी खुले रहे।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में हुई और उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा लंदन में युनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ में प्राप्त की। उनकी इस शिक्षा की प्राप्ति ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वे किसी भी समस्या का समाधान अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
गांधी जी की विशेष पहचान उनके सत्याग्रह के माध्यम से हुई, जिनमें वे बिना हिंसा के लड़कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करते थे। उनका प्रसिद्ध दंडी मार्च और नमक सत्याग्रह जैसे आंदोलन उनके नेतृत्व में हुए, जिनसे वे लोगों की आंखों में विश्वास और साहस की बीज बोते गए।
महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ समाज में सुधार भी किए। उन्होंने असहमति, द्वेष और आतंकवाद के खिलाफ अपने विचारों को प्रस्तुत किया और समाज में सद्भावना की बढ़ावा देने का प्रयास किया।
गांधी जी के आदर्शों और संघर्षों का परिणाम स्वतंत्रता संग्राम की अद्वितीय जीत रहा है, जिसके फलस्वरूप भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ। उन्होंने ‘राष्ट्रपिता’ के रूप में भारतीय जनता के दिलों में जगह बनाई और उनका आदर और सम्मान आज भी अधिक है।
महात्मा गांधी ने 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में नाथूराम गोडसे के हमले में अपनी जान गवाई, लेकिन उनकी आत्मा और विचार आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं। वे न केवल एक महान व्यक्तित्व थे, बल्कि एक दर्शनीय आदर्श भी जिनका पालन करके हम समाज में सुधार और एकता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
महात्मा गांधी को “महान” कहा जाता है क्योंकि उनका जीवन और कार्य देश और विश्व के लिए अद्वितीय और प्रभावशाली था। उनका असली नाम “मोहनदास करमचंद गांधी” था, और वे भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक सुधारक थे। उनके मूल दर्शन अहिंसा, सत्याग्रह, समरस्ता, और सर्वोदय पर आधारित थे। उनका महत्व कुछ मुख्य कारणों से आता है:
1. गांधी जी ने अहिंसा और सत्याग्रह को अपना मूल मंत्र बनाया। उनका यह विचार था कि बिना हिंसा के समस्याओं का समाधान संभव है। उनके प्रमुख आंदोलन, जैसे कि नमक सत्याग्रह और डांडी मार्च, इस अहिंसा और सत्याग्रह के तत्वों पर आधारित थे।
2. गांधी जी ने भारत को अंग्रेज़ी राज से आजादी दिलाने के लिए सत्याग्रह और स्वदेशी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ भारतीयों के स्वतंत्रता के लिए एक सक्रिय अभियान था।
3. गांधी जी ने सामाजिक सुधार और समरस्ता के लिए आवाज उठाई। उन्होंने अंटचेबिलिटी को समाप्त करने के लिए आवाज उठाई और हरिजनों (दलितों) के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
4. गांधी जी ने स्वदेशी आंदोलन को प्रोत्साहन देने के लिए ख़ादी और ग्राम उद्योग का प्रचार किया। उनका मानना था कि स्वदेशी उद्योग देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा और गरीबों को रोज़गार प्रदान करेगा।
5. गांधी जी ने अपने जीवन में संयमपूर्ण जीवन का पालन किया। उनका मानना था कि व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की सीमाओं में रहकर जीवन व्यतीत करना चाहिए।
6. गांधी जी ने विश्व शान्ति और समरस्ता के लिए भी महत्वपूर्ण काम किया। उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा और धार्मिक समवेदना को बढ़ावा दिया।